Monday, July 28, 2008

'साज़ और आवाज़' की याद में

विविध भारती का एक कार्यक्रम हमें बहुत पसन्द था - 'साज़ और आवाज़'। एक गीत और उसके बाद किसी वाद्य यन्त्र पर उसी गीत की धुन पेश की जाती थी । यह कार्यक्रम शाम को प्रसारित होता था । रेडियो सिलोन पर भी ऐसा ही एक कार्यक्रम प्रसारित होता था । वाद्य यन्त्र पर धुन पेश करने वाले कलाकारों के भी हम कायल हुआ करते थे । पियानो एकॉर्डियन पर एनॉक डैनियल , मदन कुमार , मिलन गुप्ता मॉउथ ऑर्गन पर अथवा गिटार पर गांगुली धुनें पेश करते थे । शौकिया वाद्य यन्त्र बजाने वाले तो इन कार्यक्रमों को बिना नागा सुनते । लम्बे समय से यह कार्यक्रम बन्द कर दिए गए हैं । विविध भारती धुनों का इस्तेमाल जरूर करती है ,बिना कलाकारों का नाम उद्घोषित किए , अन्य कार्यक्रमों के बीच अन्तरालों में । जैसे एफ़एम के नए चैनल गीतकारों का नाम हजम कर जा रहे हैं , विविध भारती इन धुनों को बजाने वालों को श्रेय देना उचित नहीं समझ रही है ।
बहरहाल आगाज़ में आज हम साज और आवाज की स्मृति में काश्मीर की कली फिल्म का लोकप्रिय गीत दीवाना हुआ बादल पेश कर रहे हैं । मूल गीत के साथ कोलकाता के सुमन्त द्वारा माउथ ऑर्गन पर बजाई गई इस धुन को भी सुनना न भूलें। सुमन्त ३१ वर्ष के हैं और पिछले १७ वर्षों से शौकिया माउथ ऑर्गन बजा रहे हैं। पेशे से वे वेब डिज़ाइनर हैं ।



6 comments:

  1. भाई बहुत बढ़िया पोस्ट है ये...पहले जब किसी वजह से किसी मैच या किसी भी कारण से रेदियो में व्यवधान होता,तो उस जगह को भरने में इंस्ट्रुमेंटल संगीत का उपयोग आकाशवाणी किया करता था...जो ऊपर सारे नाम गिनाए हैं आपने, हमने तभी का सुना हुआ है,बहुत खूब ....

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  2. सर, माउथऑर्गन मेरे यहां नहीं बज रहा. गाना ठीक चल रहा है. एक बार देख पाएंगे तो मेहरबानी होगी.

    'साज़ और आवाज़' की मुझे भी खू़ब याद है. शुक्रिया.

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  3. बेहतरीन और मिठास में पगी माउथऑर्गन की सुरलहरी. आनन्द आया. शुक्रिया.

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  4. सर, अगर संभव हो तो इसे रेडियोनामा पर भी पेस्ट करदें... रेडियो से संबधित सारी पोस्ट एक जगह जमा हो जायेंगी।

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  5. साज और आवाज और हवा महल हम लोग साथ साथ ही सुना करते थे। नौ से साढ़े नौ तक का समय हम भाई बहनों की दैनिक दिनचर्या में रेडिओ के इन कार्यक्रमों को समर्पित था। बड़ा प्यारा नग्मा चुना आपने। प्रस्तुति का शुक्रिया !

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