tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post7349571472343098891..comments2022-11-22T16:09:54.827+05:30Comments on आगाज़: 'साज़ और आवाज़' की याद मेंअफ़लातूनhttp://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-418988086982161712008-08-01T10:37:00.000+05:302008-08-01T10:37:00.000+05:30साज और आवाज और हवा महल हम लोग साथ साथ ही सुना करते...साज और आवाज और हवा महल हम लोग साथ साथ ही सुना करते थे। नौ से साढ़े नौ तक का समय हम भाई बहनों की दैनिक दिनचर्या में रेडिओ के इन कार्यक्रमों को समर्पित था। बड़ा प्यारा नग्मा चुना आपने। प्रस्तुति का शुक्रिया !Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-91338816215071126972008-07-29T18:56:00.000+05:302008-07-29T18:56:00.000+05:30सर, अगर संभव हो तो इसे रेडियोनामा पर भी पेस्ट करदे...सर, अगर संभव हो तो इसे रेडियोनामा पर भी पेस्ट करदें... रेडियो से संबधित सारी पोस्ट एक जगह जमा हो जायेंगी।सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-52135316652131863372008-07-29T17:05:00.000+05:302008-07-29T17:05:00.000+05:30बेहतरीन और मिठास में पगी माउथऑर्गन की सुरलहरी. आनन...बेहतरीन और मिठास में पगी माउथऑर्गन की सुरलहरी. आनन्द आया. शुक्रिया.Ashok Pandehttps://www.blogger.com/profile/03581812032169531479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-67577421606666030962008-07-29T16:07:00.000+05:302008-07-29T16:07:00.000+05:30सर, माउथऑर्गन मेरे यहां नहीं बज रहा. गाना ठीक चल र...सर, माउथऑर्गन मेरे यहां नहीं बज रहा. गाना ठीक चल रहा है. एक बार देख पाएंगे तो मेहरबानी होगी.<BR/><BR/>'साज़ और आवाज़' की मुझे भी खू़ब याद है. शुक्रिया.Vineeta Yashsavihttps://www.blogger.com/profile/10574001200862952259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-30010804083673591782008-07-29T11:01:00.000+05:302008-07-29T11:01:00.000+05:30भाई बहुत बढ़िया पोस्ट है ये...पहले जब किसी वजह से क...भाई बहुत बढ़िया पोस्ट है ये...पहले जब किसी वजह से किसी मैच या किसी भी कारण से रेदियो में व्यवधान होता,तो उस जगह को भरने में इंस्ट्रुमेंटल संगीत का उपयोग आकाशवाणी किया करता था...जो ऊपर सारे नाम गिनाए हैं आपने, हमने तभी का सुना हुआ है,बहुत खूब ....VIMAL VERMAhttps://www.blogger.com/profile/13683741615028253101noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-12440109618741939922008-07-29T10:32:00.000+05:302008-07-29T10:32:00.000+05:30वाह, बहुत मधुर है.वाह, बहुत मधुर है.मैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.com