छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
इन सदाबहार रंगों के लिये धन्यवाद व होली की शुभकामनायें ।
सच ये सदा बहार नगमें है ।आपको और आपके परिवार को होली मुबारक ।
पसन्द - नापसन्द का इज़हार करें , बल मिलेगा ।
इन सदाबहार रंगों के लिये धन्यवाद व होली की शुभकामनायें ।
ReplyDeleteसच ये सदा बहार नगमें है ।
ReplyDeleteआपको और आपके परिवार को होली मुबारक ।