छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
Sunday, March 8, 2009
चार होली गीत : अनीता सेन,छन्नुलाल मिश्र,बेगम अख्तर
मजा आ गया. संगीत के इन महारथियों की आवाज में होली सुनने का मजा ही कुछ और है. प्रस्तुति के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteआनन्द आ गया. स्वर अन्तर्मन तक पहुंच कर आनन्द की सृष्टि कर रहे हैं ।
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