छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
मजा आ गयामस्त गीत है.
आप ने इन गीतों को कहाँ सहेज रखा है?
पसन्द - नापसन्द का इज़हार करें , बल मिलेगा ।
मजा आ गया
ReplyDeleteमस्त गीत है.
आप ने इन गीतों को कहाँ सहेज रखा है?
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