Tuesday, April 21, 2009

' विरह विथा का को कहूं सजनी '

कल मेरी पत्नी डॉ. स्वाति उत्तर बंग में समाजवादी जनपरिषद के दो प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने गयी हैं । आज उनकी प्रिय एम. एस. सुब्बलक्ष्मी के स्वर में मीराबाई का यह  भजन पेश कर रहा हूँ । वे लौटकर सुनेंगी । मैं आज सुन रहा हूँ। क्या पता गुनगुना रही हों , चुनावी सभाओं के बीच के अन्तराल में !

3 comments:

  1. अफलातून भाई, सुश्री सुब्बालक्ष्मी जी की गायकी सदा से दीव्य लगती रही है - सुँदर प्रयास के लिये आभार !

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  2. आप इतने ज़बरदस्त संगीतप्रेमी हैं, ये पता नहीं था!

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पसन्द - नापसन्द का इज़हार करें , बल मिलेगा ।