Wednesday, August 6, 2008

पिया नहीं आए,काली बदरिया बरसे/ गिरजा देवी




6 comments:

  1. सुंदरतम प्रस्तुति।

    ReplyDelete
  2. बहुत सुरीला
    असली मज़ा तो तब आता है जब तीसरी या चौथी बार सुन जाय.

    ReplyDelete
  3. वाह ! कारी बदरिया यहां भी बरस रही है .

    ReplyDelete
  4. दादा,
    विदूषी गिरिजा देवी गातीं हैं
    लगता है बनारस गा रहा है.
    कैसी अबूझ विरहिणी बन जातीं हैं
    अप्पा

    (अप्पा शिष्य परिवार द्वारा विदूषी को दिया जाता है यह आदरणीय संबोधन)

    ReplyDelete

पसन्द - नापसन्द का इज़हार करें , बल मिलेगा ।