Monday, September 1, 2008

शमशेरराज कपूर और चाँद उस्मानी की जीवन ज्योति

शम्मी कपूर का मूल नाम शमशेरराज कपूर था । १९४८ में अपने पिता की थियेटर कम्पनी में ५० रुपये दरमाह पर एक जूनियर एक्टर के रूप में आपने काम शुरु किया । १९५३ में बनी 'जीवन ज्योति' उनकी बतौर हीरो पहली फिल्म थी और उसमें उनकी नायिका चाँद उस्मानी थीं । शम्मी कपूर भारत में इन्टरनेट प्रयोक्ताओं में अग्रणी रहे हैं तथा Internet Users Community of India के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं ।

'पहेली' में जो गीत दिखाया गया है उसे अन्त तक कम ही लोगों ने सुना । इसलिए पुरुष स्वर के बारे में बताने की जरूरत नहीं समझी । पुरुष स्वर के बारे में तीन पाठकों ने ही जवाब दिए - ममता , नचिकेता और विनय जैन । ममताजी ने आशा भोंसले का स्त्री स्वर अन्य कई प्रतिभागियों की भांति सही पहचाना लेकिन पुरुष स्वर पहचानने में चूक गयीं । पुरुष स्वर जो गीत के अन्तिम हिस्से में है वह अभिनेता का खुद का स्वर है - शम्मी कपूर का । इस प्रकार गायक और गायिका दोनों के स्वर पहचानने वाले विनय जैन ( v9y ) और नचिकेता हैं ।

सिर्फ़ स्त्री -स्वर को सही पहचानने वाले पारुल , ममता , मनीष तथा स्मार्ट इण्डियन ।

दिनेशराय द्विवेदीजी और ममताजी ने गीत की मिठास को पसन्द किया ।

इस गीत में आशाजी का स्वर लता मंगेशकर के शुरुआती गीतों से कितना निकट है ! ओ.पी. नैय्यर साहब के संगीत निर्देशन में आशा भोंसले की अपनी स्वतंत्र पहचान और छाप वाले गीत बाद में आए । शम्मी कपूर को पहचानने में ममता चूकीं , उन्हें वे राज कपूर लगे । इसीलिए मुकेश और रफ़ी के बीच मुकेश चुनना उन्हें लाजमीतौर पर 'सही' लगा ।

ममताजी , सभी टिप्पणियां आज अनुमोदित हो गयी हैं । दिनेशजी ने सिर्फ़ गीत की मिठास पर राय व्यक्त की थी इसलिए पहले छपी ।

2 comments:

  1. सुँदर गीत सुनवाया आपने अफलातूनजी ..पहले कभी सुना नहीँ था और आज नतीजा भी निकल आया :)

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  2. भाई साहब
    मैं दोनों कलाकारों को पहचान गया था और टिप्पणी करने वालाथा की बिजली गुल हो गई और उसके बाद याद ही नहीं रहा।
    गीत वाकई बहुत ही सुंदर था। मैने हजारों गीत सुने होंगे पर यह गीत मैने भी आज तक नहीं सुना था।
    इतना मधुर गीत सुनवाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद।
    आपसे अनुरोध है कि यह पहेली प्रतियोगिता जारी रखें।

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