गीत - पहेली के गीतों और कविता से जब मैं रू-ब-रू हुआ तब मेरी स्थिति पूरी तरह सुनील दीपक-सी थी । इन्टरनेट पर पहेली देना कितना कठिन है यह भी तो सोचिए ! यह सही है कि परीक्षा प्रणाली में नरमी लाना हमेशा सुधार की दिशा में उठाया कदम होता है । खुली किताब वाले टेस्ट इसी लिहाज से परीक्षा - सुधारों में गिने जाते थे । स्पर्धा में भाग लेने वाले लगभग सभी गूगल बाबा की शरण में गये होंगे - सिवाय नीरज रोहिल्ला ,सुनील दीपक और लावाण्याजी के - यह मेरा अनुमान है !
बहरहाल ,तीसरे सवाल का जवाब सभी उत्तर देने वालों ने सही दिया है ! मुसाफ़िर फिल्म के लिए लता मंगेशकर के साथ यह मधुर आवाज दिलीप कुमार की है ।
दूसरे , सवाल का जवाब है : ’दिल की रानी ’ (१९४७) फिल्म का यह गीत राज कपूर ने गाया है । इसका सही उत्तर इन्दु पुरी , अशोक भार्गव , विनय जैन , किशोर ’किश ’सम्पत , पवन झा ने सही दिया है ।
पहले सवाल का उत्तर दो लोगों ने सही दिया है । मोहम्मद रफ़ी द्वारा गाया गया कबीर का यह भजन तेलुगु फिल्म भक्त रामदासु से लिया गया है । इस फिल्म में कबीर की भूमिका के लिए रफ़ी ने आवाज दी थी और तीन हिन्दी भजन गाये थे। फिल्म का संगीत निर्देशन वी. नागैय्या का था । अशोक भार्गव और पवन झा ने सही जवाब दिया है ।
चौथे गीत के साथ दो प्रश्न जुड़े थे । काव्य पाठ करने वाले प्रसिद्ध व्यक्ति की आवाज पहचाननी थी तथा फिल्म का नाम भी बताना था। पहले हिस्से का जवाब किसी ने सही नहीं दिया है । विश्व दीपक ने मेरी एक भूल की और इशारा किया है | इसके रचयिता साहिर लुधियानवी नहीं कैफ़ी आज़मी हैं |यह कविता इस्मत चुग़तई की लिखी और बनाई फिल्म ’सोने की चिड़ि्या ’ से है । तलत महमूद और नूतन के अलावा इसमें बलराज साहनी ने अभिनय किया था । यह काव्य पाठ बलराज साहनी का है । इस प्रश्न का आधा जवाब पवन झा ने सही दिया है ।
सभी उत्तर प्रकाशित कर दिए जा रहे हैं । परिणाम इस प्रकार है :
प्रथम : पवन झा (साढ़े तीन अंक )
द्वितीय : अशोक भार्गव (तीन अंक )
तृतीय : विनय जैन , किशोर ’किश’ सम्पत , इन्दु पुरी (दो अंक)
चतुर्थ : नीरज रोहिल्ला ,संजय पटेल , लावण्या (एक अंक)
पंचम : सुनील दीपक (आधा अंक ,ईमानदारी का)
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