Friday, August 27, 2010

मुकेश की याद साथी युनुस ख़ान के साथ

ऐ दिल-ए-आवारा चल , गीत - मजरूह , संगीत सचिन देव बर्मन ,फिल्म- डॉ. विद्या
http://www.hummaa.com/music/album/23980/Dr.%20Vidya

सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीं,संगीत-सलिल चौधरी ,फिल्म - मधुमती


मेरे ख़्वाबों में ख़्यालों में , फिल्म - हनीमून , गीत - शैलेन्द्र , संगीत - सलिल चौधरी



ज़िन्दगी ख़्वाब है,गीत - शैलेन्द्र ,संगीत - सलिल चौधरी ,फिल्म - जागते रहो



कई बार यूँ ही देखा है ,गीत - योगेश , संगीत - सलिल चौधरी , फिल्म - रजनीगंधा



आज मुकेश की पुण्य तिथि के मौके पर विविध भारती दिन भर उन पर केन्द्रित कार्यक्रम पेश कर रही है । सुबह ’भूले-बिसरे गीत’ में युनुस ख़ान ने आठ दिलकश गीत सुनवाए अपनी दिलकश आवाज में उद्घोषणा के साथ । इन्हें सुन कर आनन्द-अश्रु बहे । उनमें से कुछ गीत यहाँ प्रस्तुत हैं । सिर्फ़ आखिरी गीत सुबह के कार्यक्रम में नहीं था । गीतकार योगेश के प्रति युनुस भी आदर-भाव रखते हैं इसलिए दिन में कभी न कभी यह गीत भी प्रसारित हो जाएगा , यक़ीन है ।
आज सुबह और रात्रि ९.३० पर एक ही कलाकार में मुकेश होंगे , शाम चार बजे ’सरगम के सितारे’ मुकेश पर केन्द्रित होगा तथा शाम ७.०० बजे विशेष जयमाला में संगीतकार नौशाद द्वारा मुकेश पर केन्द्रित विशेष जयमाला का पुनर्प्रसारण होगा ।
दिल्ली जैसे शहर में आकाशवाणी का एफ़एम गोल्ड है परन्तु एफ़एम पर विविध भारती नहीं है ! मानो निजी एफ़एम चैनलों पर कृपा कर के ।
एक बार इस चिट्ठे पर विविध भारती की ’त्रिवेणी’ से प्रेरित तीन गीत लगाये थे तब युनुस भाई ने कहा था कभी उद्घोषणा के साथ नेट पर पूरा कार्यक्रम पेश होना चाहिए। इस सुझाव पर अमल की औकात हमारी नहीं है ।

5 comments:

  1. सुबह मैंने भूले बिसरे गीत कार्यक्रम सुना. वाकई बहुत बढ़िया रहा. यह पोस्ट पढ़ना भी अच्छा लगा. सिर्फ एक शिकायत हैं, यह पोस्ट रेडियोनामा पर क्यों नही...

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  2. मुकेशजी के तो हम कायल हैं ही…आपके भी हैं,आपकी पसन्द के सारे नगमें मुझे भी बहुत पसन्द हैं…रात को कोशिश करता हूँ कि मैं भी अपनी पसन्द की कुछ सुनाउं|

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  3. आज ही दिल्ली से लौट रहा था पूरे रास्ते मुकेश को ही सुनता आया . जो नही सुना आपने सुना दिया . और आपसे पता चला आज उनकी पुण्य तिथी है .

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  4. मेरे ख्वाबों में खयालों में....

    ये गीत बडे ही अंतराल के बाद सुना. ऐसे गीतों की कसक अभे भी दिल के अंतरंग में बरकरार है और ताउम्र बने रहेगी. लताजी का फ़ाल्सेटो स्वर भी गज़ब...(क्या लताजी ही है?)

    बाकी गीत भी शानदार....

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  5. Vividh Bharati+Bhule Bisare Geet+Yunus Khan+Mukesh=
    Flow of Musical River for the Entie Day.....!
    What else can one say & expect....!!!!!1

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पसन्द - नापसन्द का इज़हार करें , बल मिलेगा ।