Friday, October 16, 2009

शुभ दीपावली : तुम अपना रंज-ओ-ग़म , अपनी परेशानी मुझे दे दो

तुम अपना रंज-ओ-ग़म ,अपनी परेशानी मुझे दे दो ।
तुम्हें ग़म की कसम , इस दिल की वीरानी मुझे दे दो ।
ये माना मैं किसी का़बिल नहीं हूँ इन निग़ाहों में ।
बुरा क्या है अग़र , ये दुख ये हैरानी मुझे दे दो ।
मैं देखूं तो सही दुनिया तुम्हें कैसे सताती है ।
कोई इनके लिए अपनी निगेबानी मुझे दे दो ।
वो दिल जो मैंने माँगा था मगर गैरों ने पाया था ।
बड़ी इनायत है अग़र उसकी पशेमानी मुझे दे दो ।
- फिल्म - शग़ुन (१९६४) , गीतकार - साहिर लुधियानवी ,गायिका - जगजीत कौर, संगीत- खैय्याम

6 comments:

  1. आभार इस गीत का..


    सुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
    दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
    खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
    दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!

    -समीर लाल ’समीर’

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  2. बहुत प्यारा गीत है। दीपावली पर जगमगा रहा है।
    दीपावली पर शुभकामनाएँ!

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  3. रौशनियों के इस मायाजाल में
    अनजान ड़रों के
    खौ़फ़नाक इस जंजाल में

    यह कौन अंधेरा छान रहा है

    नीरवता के इस महाकाल में
    कौन सुरों को तान रहा है
    .....
    ........
    आओ अंधेरा छाने
    आओ सुरों को तानें

    आओ जुगनू बीनें
    आओ कुछ तो जीलें

    दो कश आंच के ले लें....

    ०००००
    रवि कुमार

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  4. अच्‍छा गीत है !!
    पल पल सुनहरे फूल खिले , कभी न हो कांटों का सामना !
    जिंदगी आपकी खुशियों से भरी रहे , दीपावली पर हमारी यही शुभकामना !!

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  5. अफलातून
    भाई,
    nice song !
    स स्नेह दीपावली की शुभकामनाएं आपके परिवार के सभी के लिए
    - लावण्या

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  6. क्या सुरीला गीत है. धन्यवाद इस अमर गीत को सुनाने के लिये.

    दिपावली की शुभकामनायें आपको और परिवार को.

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