https://youtu.be/jNp63arV5Pk
ऐ दिले आवारा चल ,फिर कहीं दोबारा चल ।
यार ने दीदार का वादा किया है । , डॉ. विद्या नामक फिल्म से ।
https://youtu.be/2Zb0XlERT7M
’गर्दिश में हों तारे , ना घबड़ाना प्यारे’ , फिल्म रेशमी रुमाल
दोनों ही गीत विविध भारती पर सुबह - सुबह सुने । ऐसे गीतों को नियमित रूप से सुनने के लिए जरूरी है कि ट्रांजिस्टर नामक पुरानी टेक्नॉलॉजी का यन्त्र ( नए चले एफ़ एम बैण्ड सहित ) रखा जाए ।
एक सवाल विविध भारती के मित्रों से जरूर है । हमारे शहर बनारस में एफ़ एम पर विविध भारती है लेकिन उसमें निजी चैनलों की तरह स्टीरियो-असर क्यों नहीं सुनाई पड़ता ? अपनी तमाम मजबूतियों के अलावा इस पर ध्यान देना होगा ।
ऐ दिले आवारा चल ,फिर कहीं दोबारा चल ।
यार ने दीदार का वादा किया है । , डॉ. विद्या नामक फिल्म से ।
https://youtu.be/2Zb0XlERT7M
’गर्दिश में हों तारे , ना घबड़ाना प्यारे’ , फिल्म रेशमी रुमाल
दोनों ही गीत विविध भारती पर सुबह - सुबह सुने । ऐसे गीतों को नियमित रूप से सुनने के लिए जरूरी है कि ट्रांजिस्टर नामक पुरानी टेक्नॉलॉजी का यन्त्र ( नए चले एफ़ एम बैण्ड सहित ) रखा जाए ।
एक सवाल विविध भारती के मित्रों से जरूर है । हमारे शहर बनारस में एफ़ एम पर विविध भारती है लेकिन उसमें निजी चैनलों की तरह स्टीरियो-असर क्यों नहीं सुनाई पड़ता ? अपनी तमाम मजबूतियों के अलावा इस पर ध्यान देना होगा ।
मुकेश के इन गीतों की प्रस्तुति का आभार । सही कह रहे हैं आप - विविध भारती पता नहीं क्यों झनझनाता नहीं लगता । वही स्टीरियो-असर !
ReplyDeleteदोमों ही गाने बहुत ख़ूबसूरत है। ये गाने अब तो सिर्फ़ विविध भारती पर ही सुन सकते हैं। निजी रेडियो तो केवल ढिन चेक ही चलाते है।
ReplyDeleteबहुत् सुन्दर गीत है गर्दिश मे हों तारे मेरा बहुत मनपसंद गीत है शन्यवाद । ये ब्लाग तो आज देखा बहुत सा खजाना भरा पडा है इसमे सुनते रहेंगे आभार आपका ब्लाग खुलने मे बहुत देर लगती है । पता नहीं कयों
ReplyDeleteबहुत दिनों बाद सुने ये गाने .... विविध भारती नहीं सुनता हूँ न !! शुक्रिया !!!
ReplyDeleteलाजवा गीत सुनवाए आपने, आभार।
ReplyDelete-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बहुत ही सुंदर गीत हैं, मन को सुकून देते हैं।
ReplyDeleteवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
बढिया गीत सुनवाये. धन्यवाद .
ReplyDeleteविविध भारती के एफ़ एम के प्रसारण की मशिनरी पुरानी है इनके बनिस्बत. वैसे भी पुराने गीत स्टीरीयो तकनीक से रिकोर्ड नहीं हुए थे, अतः नये स्टेशनों पर भी ऐसे ही बजेंगे.
बहुत खूब, कौन लोग थे और कहां की अवाज़ थी वो जो अब नही..........
ReplyDeletehttp://www.youtube.com/watch?v=yWgiCvvErec
ReplyDeleteइसे भी सुनिये