परसों भीमसेन जोशी का गीत लगाते वक्त बमबम उर्फ़ सुकरात और पूजा की याद तो खूब आ रही थी लेकिन मुझे अन्दाज था कि नवागन्तुक के आने की अपेक्षित तिथि में विलम्ब है । बालक भीमसेन जोशी के गीत और आने वाली पीढ़ी की तरह फ़ास्ट निकला, आज पैदा हो गया ।
४ अगस्त , १९७५ के दिन बनारस के सरकारी जिला महिला अस्पताल में बमबम की पैदाईश की याद घूम गयी । आपात काल लगे मात्र १०-११ दिन हुए थे । बमबम के पिता , मेरे बड़े भाई नचिकेता भूमिगत थे । मेरी माँ को चिन्ता थी कि कि भाई ऐन वक्त पर पहुँचेगा भी या नहीं । लगता था कि बमबम ने मेरी भाभी रत्ना को खूब झेलाया होगा । मेरी दीदी उसी अस्पताल में चिकित्साधिकारी थी ।
बमबम बनारस में चार साल की उमर तक था । लंगोट बदलने आदि की मुझे पहली तालीम देते हुए।
बमबम और ’बेटा रामदास’ मेरे दिए हुए नाम हैं । आज फोन पर उससे पूछा, ’टनटन ?’ तो उसे लगा कि ककवा फिर नाम रखने लगा ।
अपने गुरुजी श्री छन्नूलाल मिश्र का गाया यह सोहर प्रस्तुत करने का आज उपयुक्त दिन । हमें जो सोहर उन्होंने सिखाया था , उससे बेहतर है ,यह:
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अपना पता मेल कर रहें है, मिठाई भिजवा देना....
ReplyDeleteबालक को बहुत सारी शौभकामनाएं, तथा परिवार को बधाई....नारायणभाई परदादा बन गए!!! यह विशेष पद होता है, भई.
चचा,
ReplyDeleteआप अब 'पुरनिया' बन गए। बधाई।
BADHAAYI HO BADHAAYI.
ReplyDeleteवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
बहुत बहुत बधाई...दादा बनने का अभूतपूर्व सुख दादा बनने के बाद ही मालूम पढता है...बालक शतायु हो हमेशा खुश रहे इश्वर से ये ही प्रार्थना करते हैं...छन्नू लाल जी की आवाज़ और सोहर की प्रशंशा के लिए शब्द कहाँ से लाऊँ?
ReplyDeleteनीरज
बधाई।
ReplyDeleteअरे बढ़िया समाचार दीये आपने ...
ReplyDeleteहार्दिक बधाई तथा शिशु को आशिष ..
तो
नाम क्या चुना दादा जी ने ? :)
- लावण्या
परिवार को बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteबधाई हो जी! बधाई!
ReplyDeletebadhaii
ReplyDeleteदादा बनने की बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteदादा बनने की बहुत बहुत बधाई।
ReplyDeleteनया सदस्य आने की ढेरों बधाई...
ReplyDeletebahut-bahut mubarak ho...
ReplyDeleteबिलम्ब से ही सही, बधाई स्वीकार करें !
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