छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
Sunday, March 22, 2009
काजोल की माँ का मजेदार गीत
तनुजा ( काजोल की माँ ) पर गाया एक मजेदार गीत । शैलेन्द्र का लिखा , सलिल चौधरी द्वारा संगीतबद्ध ।
लगता है मैं कुछ दिनों से गीत सिर्फ आप के सौजन्य से ही सुनता रहा हूँ।
ReplyDeleteAflatoon gana hai.
ReplyDeleteCan you mention the name of the film?
Thanx.
-Harshad Jangla
Atlanta, USA
sweet song .
ReplyDelete@हर्षदजी, फिल्म का नाम शायद 'मेम- दीदी' है।
ReplyDeleteits a wonderul blog, and your blog is even wonderful... your dedication towords the music is remarkable...
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