संगीतकार राहुल देव बर्मन की स्मृति में मेरे द्वारा चयनित उनके कुछ गीत इस विडियोलॉग में पेश हैं । इनमें ऐसे गीत भी शामिल हैं जिनकी धुन उन्होंने बचपन में बनायी और उनके पिता सचिनदेव बर्मन ने उन्हें अपनी फिल्मों में शामिल कर लिया। उम्मीद है आप सब को भी पसन्द आयेंगे ।
ek do geet..bahut acchhey hain ismey..dhanyavaad
ReplyDeleteआपके इस रेडियोलाग का तीसरा ही गीत सुन रहा हूं और तन्द्रा छाने लगी है । डर है कि टिप्पणी लिखने के लिए जरूरी होश रहेगा भी या नहीं । इसीलिए, अभी ही यह जिम्मेदारी पूरी कर रहा हूं ।
ReplyDeleteसचमुच में स्वर्गीय आनन्द आ रहा है । आंखें भर-भर आ रही हैं । आज का 'सार्थक सण्डे' आपके नाम ।
भाई साहब,
ReplyDelete'हमें तुमसे प्यार कितना, ये हम नहीं जानते,
मगर जी नहीं सकते, तुम्हारे बिना'
के लिए विशेष धन्यवाद ।