छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
पिछले दिनों में अचानक शहर में पोस्टरों की बाढ़ आ गयी. शहीद भगतसिंग की तसवीरें और देशभक्तों के चित्र और देशभक्ति के फ़िल्मी गानों से लदे वाहनों की आवाजाही बढ़ सी गयी.
मेरे प्रदेश में चुनाव का बिगुल जो बज गया है. कांग्रेस ने इन शहीदों के ब्राण्ड पर जैसे पुश्तैनी कब्ज़ा कर लिया है.
आपके यहां पोस्ट किये चित्र को प्रिन्ट कर यहां परसों हुए एक शहीद भगत सिंग स्मृति समारोह में पधारे एक विधायक से पूछ्नें की हिमाकत कर बैठा- भैयाजी, ये कौन है,ज़रा बूझें तो?
नेताजी चौंके और तपाक से बोले- पता नही,क्या कोई आतंकवादी है ?
जितनी बार शहीद देखी है, तब तब ऑंखे नम हो गई है। ये मेरी पसंदीदा फिल्मों से एक है। गाना सुनाने के लिए शुक्रिया।
ReplyDeleteइंकलाब जिन्दाबाद! इंकलाब और इंकलाबी कभी नहीं मरते।
ReplyDeleteपिछले दिनों में अचानक शहर में पोस्टरों की बाढ़ आ गयी. शहीद भगतसिंग की तसवीरें और देशभक्तों के चित्र और देशभक्ति के फ़िल्मी गानों से लदे वाहनों की आवाजाही बढ़ सी गयी.
ReplyDeleteमेरे प्रदेश में चुनाव का बिगुल जो बज गया है. कांग्रेस ने इन शहीदों के ब्राण्ड पर जैसे पुश्तैनी कब्ज़ा कर लिया है.
आपके यहां पोस्ट किये चित्र को प्रिन्ट कर यहां परसों हुए एक शहीद भगत सिंग स्मृति समारोह में पधारे एक विधायक से पूछ्नें की हिमाकत कर बैठा- भैयाजी, ये कौन है,ज़रा बूझें तो?
नेताजी चौंके और तपाक से बोले- पता नही,क्या कोई आतंकवादी है ?
जय हिन्द!!