छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
Wednesday, July 23, 2008
जिया ले गयो जी मोरा साँवरिया / लता / अनपढ़ / मदनमोहन
बहुत खूबसूरत...दिल को छू गई...थैंक्स
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