अजब दिवानी भयी, मोसे अनजानी भयी,पल में परायी देखो हो गयी अखियाँ।।
बरसी ये कैसी धारा , काँपे तन मन सारा ।
रंग से अंग भिगो गयी अखियाँ ॥
मन उजियारा छाया , जग उजियारा छाया ।
जगमग दीप सँजो गयी अखियाँ ॥
पडित रविशंकर द्वारा संगीतबद्ध फिल्म अनुराधा का यह गीत लता मंगेशकर का गाया हुआ है ।
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एक और बेहतरीन गीत ! धन्यवाद।
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर और मधुर गीत। आनन्द आगया। इतना मधुर गीत सुनवाने के लिए धन्यवाद। सस्नेह
ReplyDeleteसुँदर सुरीला गीत सुनवाने का शुक्रिया !
ReplyDelete- लावण्या
बेहद मधुर गीत सुनवाया आपने! मैंने पहली बार सुना इसे। कोटिशः धन्यवाद !
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