Saturday, August 9, 2008

सुने री मैंने निर्बल के बल राम/पलुस्कर/भैरवी

सूरदास की भक्ति रचना , 'सुने री मैंने निर्बल के बल राम ', स्वर पंडित डी . वी. पलुस्कर का , राग - भैरवी ।

4 comments:

  1. वाह जी वाह.
    बहुत ही अच्छा और कर्णप्रिय.
    देखिये राग वगैरह तो नहीं समझता पर सुनकर आन्नद आया.

    ReplyDelete
  2. आपका धन्यवाद इतना मधुर गीत सुनाने के लिए.

    ReplyDelete
  3. सुनकर बहुत अच्छा लगा। धन्यवाद।
    घुघूती बासूती

    ReplyDelete
  4. बहुत सुंदर भजन हैं,वातावरण एकदम राममय और पवित्र हो गया,आपको बहुत बहुत बधाई और शुभकामनाए ,सच! इतने अच्छे अच्छे कलाकार हो गए हैं,आप उनको सुनवा रहे हैं,इससे अच्छा और क्या हो सकता हैं . धन्यवाद !

    ReplyDelete

पसन्द - नापसन्द का इज़हार करें , बल मिलेगा ।