छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
Thursday, April 11, 2013
कुन्दनलाल सहगल के मेरे प्रिय दस गीत
मेरे प्रिय दस गीत इस लिस्ट में हैं।पिताजी अपने लिए एक लॉन्ग प्लेयिंग रेकॉर्ड लाये थे।तब ही चस्का लगा।फिर जीजाजी के पास उससे व्यापक संग्रह था।
सभी गीत बहुत अच्छे ...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर गीत....
ReplyDeleteबहुत सुन्दर
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