Tuesday, November 18, 2008

देखा - देखी बलम हुई जाए : बेगम अख़्तर

हमरी अटरिया पे आओ सँवरिया,देखा-देखी बलम हुई जाए।
प्रेम की भिक्षा मांगे भिखारन,लाज हमारी रखियो साजन।
आओ सजन तुम हमरे द्वारे,सारा झगड़ा खतम हुई जाए ॥


बेग़म अख़्तर का गाया यह दादरा आज पहली बार सुना । आशा है , आप लोगों को भी पसन्द आएगा ।

Saturday, November 8, 2008

राहुल देव बर्मन की स्मृति में चुनिन्दा गीत

संगीतकार राहुल देव बर्मन की स्मृति में मेरे द्वारा चयनित उनके कुछ गीत इस विडियोलॉग में पेश हैं । इनमें ऐसे गीत भी शामिल हैं जिनकी धुन उन्होंने बचपन में बनायी और उनके पिता सचिनदेव बर्मन ने उन्हें अपनी फिल्मों में शामिल कर लिया। उम्मीद है आप सब को भी पसन्द आयेंगे ।

Wednesday, November 5, 2008

प्यास लगे तो एक बराबर...

देश की सभी नदियाँ राष्ट्रीय हैं । लेकिन गंगा तो 'प्यास लगे तो एक बराबर सब में पानी डाले' , 'नि:शब्द सदा बहने वाली'(स्व. पंडित नरेद्र शर्मा के बोल)है । उर्दू के बेनज़ीर शायर नज़ीर बनारसी गंगा जल में वजू कर नमाज अदा करने की बात कहते थे। नज़ीर बनारसी की गंगा पर वह रचना अति शीघ्र प्रस्तुत करूंगा।