Saturday, March 21, 2009

सच हुए सपने तेरे / काला बाजार / आशा भोंसले

सच हुए सपने तेरे झूम ले ओ मन मेरे
[चिकी चिकी चिक चई ]-२
चिकी चिकी चिक चा

बेकल मन का धीरज लेकर मेरे साजन आये
जैसे कोई सुबह का भूला साँझ को घर आ जाए
प्रीत ने रंग बिखेरे , झूम ले ओ मन मेरे
[चिकी चिकी चिक चई ]-२
चिकी चिकी चिक चा

मन की पायल छम छम बोले,हर एक साँस तराना
धीरे धीरे सीख लिया अंखियोंने मुसकाना
हो गए दूर अँधेरे , झूम ले ओ मन मेरे
[चिकी चिकी चिक चई ]-२
चिकी चिकी चिक चा

जिस उलझन ने दिल उलझाके सारी रात जगाया
बानी है वो आज प्रीत की माला मन का मीत मिलाया
जगमग साँझ सवेरे , झूम ले ओ मन मेरे
[चिकी चिकी चिक चई ]-२
चिकी चिकी चिक चा

2 comments:

पसन्द - नापसन्द का इज़हार करें , बल मिलेगा ।