मई २००७ में विविध भारती के श्रोताओं के लिए गीतों से सम्बन्धित एक पहेली मैंने शैशव पर पेश की थी । पाठक-श्रोताओं ने बहुत चाव से भाग लिया था ।
पिछले साल एक संगीत प्रेमी वरिष्ट ब्लॉगर ने मुझे एक खजाना भेंट दिया - कई हजार फिल्मी गानों की डीवीडी का । सभी गीत सुन भी नहीं पाया हूँ । मशीन पर इधर से उधर करते हुए चार गीत छाँटे हैं , बुझौव्वल में शामिल करने लायक ।
बुझौव्वल में भाग लेने वाले श्रोता अपने उत्तर इस पोस्ट पर टिप्पणी के रूप में जमा करें । परिणाम के साथ टिप्प्णियां भी प्रकाशित कर दी जायेंगी । प्रश्नों के उत्तर से अलग टिप्पणियां जल्दी अनुमोदित होंगी ।
पहला गीत
प्रश्न १.
मोहम्मद रफ़ी के गाए इस भजन को किस फिल्म से लिया गया है ?
दूसरा गीत
दूसरा प्रश्न
यशोदानंदन जोशी द्वारा लिखा गया यह गीत सचिन देव बर्मन द्वारा सुरों में संजोया गया है । आपको गायक का नाम बताना है,जो एक प्रसिद्ध नाम है ।
तीसरा गीत
प्रश्न ३
लता मंगेशकर के साथ इस दोगाने में किस प्रसिद्ध व्यक्ति की आवाज है ?
चौथा गीत
प्रश्न४
प्रसिद्ध शायर साहिर लुधियानवी की इस रचना का पाठ एक प्रसिद्ध व्यक्ति ने फिल्म में किया है । आपको उस व्यक्ति और फिल्म का नाम बताना है ।
आपके उत्तर ३ सितम्बर तक लिए जाएंगे । अन्य टिप्पणियां सदैव ग्राह्य हैं ।
विविध भारती से जुड़े लोग इस बुझौव्वल पर ताना कस सकते हैं , प्रश्नों पर टिप्पणी कर सकते हैं , उत्तर नहीं । यह बात खजाना देने वाले वरिष्ट ब्लॉगर मित्र पर भी लागू है ।
छात्र युवा संघर्ष वाहिनी , नौजवानों की जिस जमात से आपात-काल के खत्म होते होते जुड़ा उसने 'सांस्कृतिक क्रान्ति' का महत्व समझा । भवानी बाबू ने इस जमात को कहा ' सुरा-बेसुरा ' जैसा भी हो गाओ। सो , सुरे-बेसुरे गीतों का यह चिट्ठा ।
Sunday, August 29, 2010
Friday, August 27, 2010
मुकेश की याद साथी युनुस ख़ान के साथ
ऐ दिल-ए-आवारा चल , गीत - मजरूह , संगीत सचिन देव बर्मन ,फिल्म- डॉ. विद्या
http://www.hummaa.com/music/album/23980/Dr.%20Vidya
सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीं,संगीत-सलिल चौधरी ,फिल्म - मधुमती
मेरे ख़्वाबों में ख़्यालों में , फिल्म - हनीमून , गीत - शैलेन्द्र , संगीत - सलिल चौधरी
ज़िन्दगी ख़्वाब है,गीत - शैलेन्द्र ,संगीत - सलिल चौधरी ,फिल्म - जागते रहो
कई बार यूँ ही देखा है ,गीत - योगेश , संगीत - सलिल चौधरी , फिल्म - रजनीगंधा
आज मुकेश की पुण्य तिथि के मौके पर विविध भारती दिन भर उन पर केन्द्रित कार्यक्रम पेश कर रही है । सुबह ’भूले-बिसरे गीत’ में युनुस ख़ान ने आठ दिलकश गीत सुनवाए अपनी दिलकश आवाज में उद्घोषणा के साथ । इन्हें सुन कर आनन्द-अश्रु बहे । उनमें से कुछ गीत यहाँ प्रस्तुत हैं । सिर्फ़ आखिरी गीत सुबह के कार्यक्रम में नहीं था । गीतकार योगेश के प्रति युनुस भी आदर-भाव रखते हैं इसलिए दिन में कभी न कभी यह गीत भी प्रसारित हो जाएगा , यक़ीन है ।
आज सुबह और रात्रि ९.३० पर एक ही कलाकार में मुकेश होंगे , शाम चार बजे ’सरगम के सितारे’ मुकेश पर केन्द्रित होगा तथा शाम ७.०० बजे विशेष जयमाला में संगीतकार नौशाद द्वारा मुकेश पर केन्द्रित विशेष जयमाला का पुनर्प्रसारण होगा ।
दिल्ली जैसे शहर में आकाशवाणी का एफ़एम गोल्ड है परन्तु एफ़एम पर विविध भारती नहीं है ! मानो निजी एफ़एम चैनलों पर कृपा कर के ।
एक बार इस चिट्ठे पर विविध भारती की ’त्रिवेणी’ से प्रेरित तीन गीत लगाये थे तब युनुस भाई ने कहा था कभी उद्घोषणा के साथ नेट पर पूरा कार्यक्रम पेश होना चाहिए। इस सुझाव पर अमल की औकात हमारी नहीं है ।
http://www.hummaa.com/music/album/23980/Dr.%20Vidya
सुहाना सफ़र और ये मौसम हसीं,संगीत-सलिल चौधरी ,फिल्म - मधुमती
मेरे ख़्वाबों में ख़्यालों में , फिल्म - हनीमून , गीत - शैलेन्द्र , संगीत - सलिल चौधरी
ज़िन्दगी ख़्वाब है,गीत - शैलेन्द्र ,संगीत - सलिल चौधरी ,फिल्म - जागते रहो
कई बार यूँ ही देखा है ,गीत - योगेश , संगीत - सलिल चौधरी , फिल्म - रजनीगंधा
आज मुकेश की पुण्य तिथि के मौके पर विविध भारती दिन भर उन पर केन्द्रित कार्यक्रम पेश कर रही है । सुबह ’भूले-बिसरे गीत’ में युनुस ख़ान ने आठ दिलकश गीत सुनवाए अपनी दिलकश आवाज में उद्घोषणा के साथ । इन्हें सुन कर आनन्द-अश्रु बहे । उनमें से कुछ गीत यहाँ प्रस्तुत हैं । सिर्फ़ आखिरी गीत सुबह के कार्यक्रम में नहीं था । गीतकार योगेश के प्रति युनुस भी आदर-भाव रखते हैं इसलिए दिन में कभी न कभी यह गीत भी प्रसारित हो जाएगा , यक़ीन है ।
आज सुबह और रात्रि ९.३० पर एक ही कलाकार में मुकेश होंगे , शाम चार बजे ’सरगम के सितारे’ मुकेश पर केन्द्रित होगा तथा शाम ७.०० बजे विशेष जयमाला में संगीतकार नौशाद द्वारा मुकेश पर केन्द्रित विशेष जयमाला का पुनर्प्रसारण होगा ।
दिल्ली जैसे शहर में आकाशवाणी का एफ़एम गोल्ड है परन्तु एफ़एम पर विविध भारती नहीं है ! मानो निजी एफ़एम चैनलों पर कृपा कर के ।
एक बार इस चिट्ठे पर विविध भारती की ’त्रिवेणी’ से प्रेरित तीन गीत लगाये थे तब युनुस भाई ने कहा था कभी उद्घोषणा के साथ नेट पर पूरा कार्यक्रम पेश होना चाहिए। इस सुझाव पर अमल की औकात हमारी नहीं है ।
Tuesday, August 10, 2010
चार ज्यादा सुने गीत : गमन,घर, दूर का राही, आलाप
आप की याद आती रही रात भर / गमन / गीत : मख़दूम मोहियुद्दीन,स्वर :छाया गांगुली ,संगीत जयदेव
नई री लगन / आलाप/स्वर मधु रानी,फ़ैय्याज,येसुदास ,संगीत जयदेव
बेकरारे दिल,दूर का राही,किशोर कुमार-सुलक्षणा पंडित,
आप की आंखों में कुछ - घर , किशोर-लता ,संगीत-राहुलदेव बर्मन,गीत-गुलज़ार
नई री लगन / आलाप/स्वर मधु रानी,फ़ैय्याज,येसुदास ,संगीत जयदेव
बेकरारे दिल,दूर का राही,किशोर कुमार-सुलक्षणा पंडित,
आप की आंखों में कुछ - घर , किशोर-लता ,संगीत-राहुलदेव बर्मन,गीत-गुलज़ार
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