Friday, October 24, 2008

उस्ताद बड़े गुलाम अली ख़ाँ - हरी ओम -राग पहाड़ी,पं. जसराज-मेरो अल्लाह मेहरबान



हरि ओम ततसत ,हरि ओम,
महामन्त्र है ,इसको जपाकर ।
वो है कौन सा मन्त्र कल्याणकारी,
तो बोले त्रिलोचन महादेव
हरि ओम ततसत हरि ओम


असुर ने जो अग्नि का अम्बा रचा था,
तो निर्दोश प्रह्लाद क्यों कर बचा था ,
यही मन्त्र लिखे थे उसकी ज़ुबाँ पर
हरि ओम ततसत हरि ओम

लगी आग लंका में हलचल मचा था,
तो घर विभीषण का क्यों कर बचा था,
यही शब्द लिखे थे उसके मकाँ पर,
हर ओम ततसत हरि ओम


4 comments:

  1. आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक मंगलकामनाऐं.

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  2. किन शब्दों मैं आपका धन्यवाद दूं....दोनों ही बंदिशें ....बस सुनते चले जाओ...डाउनलोड का लिंक भी दे सकते हैं

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  3. बहुत सुंदर प्रस्तुति.
    आपको और सभी पाठकों को दीपावली पर्व और नए संवत्सर के लिए बधाई!

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