हिन्दी चिट्ठालोक के दृढ लेखक अनिल रघुराज एक लम्बे अन्तराल के बाद लौटे हैं । खुद की तुलना महुआ घटवारिन से उन्होंने की ,यह दिल को छू गया । अपनी मीता (वहीदा रहमान ) को महुआ घटवारिन की कहानी सुनाता हीरामन ( राज कपूर )अनिल को बार बार याद आ रहा है ।
अनिल द्वारा फिर से चिट्ठाकारी की शुरुआत को समर्पित उनका प्रिय यह गीत यहाँ प्रस्तुत हैं :