tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post9072369816118456809..comments2022-11-22T16:09:54.827+05:30Comments on आगाज़: गीता दत्त और लताजी के सुहाने गीतअफ़लातूनhttp://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comBlogger5125tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-60503885703856395402008-06-21T05:16:00.000+05:302008-06-21T05:16:00.000+05:30क्या प्यारी गीत माला सजाई आपने..साधुवाद आपको इस मो...क्या प्यारी गीत माला सजाई आपने..<BR/>साधुवाद आपको इस मोहक रचना चयन के लिये.<BR/><BR/> साँवरे साँवरे अभी सुन रहा हूँ जब तब सुबह के पाँच बजा चाहते हैं और महसूस कर रहा हूँ कि भैरवी जैसे समय राग को ठीक समय बेला में सुना जाए तब एक सुरीली रचना अति-सुरीली कैसे हो जाती है.<BR/><BR/>सागर भाई;<BR/>अस्सी के दशक में आख़िरी बार पंडित रविशंकरजी इंदौर पधारे थे तब उनसे यह सहज प्रश्न था मेरा कि आपने अधिक फ़िल्में क्यों नहीं कि उस पर उन्होंने दो कारण बताए थे...एक : विदेश में कार्यक्रमों और प्रशिक्षण कक्षाओं की अति-व्यस्तता और दो:फ़िल्मों में संगीत के लिये अपेक्षित कहानी क्राफ़्ट का गुम होना...अस्सी के दशक में राजेश खन्ना और अमिताभ बच्चन का उदभव हो चुका था और उस समय जिस तरह की फ़िल्में आ रहीं थीं वह पंडितजी की तबियत को सूट नहीं करतीं थीं. <BR/><BR/>ख़ैर...स्वागतं अथ स्वागतं (रचयिता:पं.नरेन्द्र शर्मा)जैसे एशियाड के शुभंकर गीत और सारे जहाँ से अच्छा जैसी दो अनमोल रचनाओं के अलावा भी तो रविबाबू ने अपने सितार से कितना कुछ दिया है संगीत जगत को...वाक़ई वे भारत-रत्न हैं.sanjay patelhttps://www.blogger.com/profile/08020352083312851052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-52817075643613354262008-06-13T14:45:00.000+05:302008-06-13T14:45:00.000+05:30GEET SUNANE KA SHUKRIYA. MAIN BHI KOSHISH KARTA HO...GEET SUNANE KA SHUKRIYA. MAIN BHI KOSHISH KARTA HON KUCH GEET APNE BLOG PER LAGANE KI :)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-8309523481575044462008-06-03T19:49:00.000+05:302008-06-03T19:49:00.000+05:30बहुत ही सुरीले और मधुर गीत सुनवाने का शुक्रिया।बहुत ही सुरीले और मधुर गीत सुनवाने का शुक्रिया।mamtahttps://www.blogger.com/profile/05350694731690138562noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-10493357856597754062008-06-02T20:03:00.000+05:302008-06-02T20:03:00.000+05:30सुरीले गीतोँ की शृँखला मनभावन रही ..सुनवाने का शुक...सुरीले गीतोँ की शृँखला मनभावन रही ..<BR/>सुनवाने का शुक्रिया अफलातून जी <BR/>- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-61553017236394599402008-06-02T16:54:00.000+05:302008-06-02T16:54:00.000+05:30एक से एक लाजवाब........ अफलातून भाई साहब। अनुराधा ...एक से एक लाजवाब........ अफलातून भाई साहब। <BR/>अनुराधा फिल्म मुझे बहुत पसन्द है,लीला नायडु का सौदंर्य, बलराज साहनी का अभिनय, पण्डित रविशंकर का संगीत,लताजी की मधुर आवाज..किस किस की तारीफ की जाये!<BR/>पण्डित रविशंकर ने मेरी जानकारी में शायद तीन ही फिल्मों में संगीत दिया। अनुराधा, गोदान और मीरा। शायद हिन्दी फिल्म जगत उनकी सही कद्र नहीं कर पाया और हमें कितने ही बढ़िया गीतों से वंचित रहना पड़ा। <BR/>अभि तो साँवरे .वाले मधुर गीत का आनन्द ले रहा हूँ। बाकी बातें बाद में।सागर नाहरhttps://www.blogger.com/profile/16373337058059710391noreply@blogger.com