tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post894878753614590537..comments2022-11-22T16:09:54.827+05:30Comments on आगाज़: चार ज्यादा सुने गीत : गमन,घर, दूर का राही, आलापअफ़लातूनhttp://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-3758725401709476442010-08-31T11:08:57.041+05:302010-08-31T11:08:57.041+05:30ये कोई बात हुई? कोई आपके ब्लोग पर आये और उसे डबल म...ये कोई बात हुई? कोई आपके ब्लोग पर आये और उसे डबल मेहनत करनी पड़े? बिलकुल ...सही जगह पहुँच गई मैं. अपनी पसंद के गाने भी सुनती रही और पढ़ती भी रही.<br />सुबह सुबह मन खुश हो गया! शास्त्रीय संगीत पर आधारित इन् गीतों ने जैसे अंतरात्मा को भीतर तक तृप्त कर दिया.<br />सच कह रही हूं. आप लोगों को खुश करने के लिए 'ऊंची' दूँ ऐसी नही मैं.<br />बस एक अन्याय किया आप ने बाबु! मैं पढ़ना और सुनना दोनों चाहती हूं और लिखना भी किन्तु.........<br />गाने सुनते हुए आँखे स्वतः बंद हुई जा रही है,अब पढूं कैसे और व्यूज़ लिखूँ किस तरह?<br />कमरे मे हल्का अँधेरा,हल्का उजाला हो और धीमी धीमी आवाज मे गूंजता मधुर संगीत. उसे कोई खुली आँखों से सुनता है? नही ना! मैं तो कत्तई नही .<br />क्योंकि ऐसिच हूं मैं.आँखे बंद कर आत्मा से सुनती हूं गीत और संगीत.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-20511997081708444772010-08-15T11:37:54.745+05:302010-08-15T11:37:54.745+05:30हमने तो चारों गीतों का लुत्फ़ उठाया आज!!
स्वतंत्र...हमने तो चारों गीतों का लुत्फ़ उठाया आज!!<br /><br />स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें.दिलीप कवठेकरhttps://www.blogger.com/profile/16914401637974138889noreply@blogger.com