tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post6168750242170169400..comments2022-11-22T16:09:54.827+05:30Comments on आगाज़: ठुमक ठुमक पग ,कुमक कुंज मद,चपल चरण हरि आए/भीमसेन जोशी/जयदेव/अनिल चटर्जी/अनकहीअफ़लातूनhttp://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comBlogger12125tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-78652548742392349042016-09-30T09:43:54.504+05:302016-09-30T09:43:54.504+05:30इस भजन के रचयिता हैं काज़ी अशरफ महमूद ।इस भजन के रचयिता हैं काज़ी अशरफ महमूद ।kabirhttps://www.blogger.com/profile/14447035155311590050noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-76768132401005351922016-09-30T09:40:44.094+05:302016-09-30T09:40:44.094+05:30इस भजन के रचयिता हैं - काज़ी अशरफ महमूद ।इस भजन के रचयिता हैं - काज़ी अशरफ महमूद ।kabirhttps://www.blogger.com/profile/14447035155311590050noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-70043573956986620482016-09-30T09:38:19.143+05:302016-09-30T09:38:19.143+05:30काज़ी अशरफ महमूद काज़ी अशरफ महमूद kabirhttps://www.blogger.com/profile/14447035155311590050noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-71972237972251835052009-08-29T10:19:31.522+05:302009-08-29T10:19:31.522+05:30तमाम आशंकाओं और दुश्चिंताओं के मध्य आशा का -- आस्थ...तमाम आशंकाओं और दुश्चिंताओं के मध्य आशा का -- आस्था का -- विश्वासी स्वर . ’डिवाइन’ को मनुष्य की अधिकारपूर्ण पुकार . यह पुकार सिर्फ़ मनुष्य कर सकता है . यह उसी की ईजाद है . अद्भुत गीत . आभार !Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-76270400840900466672009-08-29T10:08:11.853+05:302009-08-29T10:08:11.853+05:30शानदार गीत और उसके अनुरूप अनूठा संगीत,तिस पर पंडित...शानदार गीत और उसके अनुरूप अनूठा संगीत,तिस पर पंडित जी का गुरु गंभीर स्वर . सब कुछ दिव्य .<br /><br />इस प्रस्तुति में है मानववाद का असली निदर्शन . शिशु की प्रतीक्षा ऐसे जैसे ईश्वर के अवतरण की प्रतीक्षा . यह मनुष्य की और उसके भीतर के देवता के आगमन की इन्तजारी का गीत है --अनूठा आगमनी गीत .Priyankarhttps://www.blogger.com/profile/13984252244243621337noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-32321178891372482972009-08-23T12:57:19.765+05:302009-08-23T12:57:19.765+05:30पंडित भीमसेन जोशी को सुनना सदैव ही अनुपम आनंद देता...पंडित भीमसेन जोशी को सुनना सदैव ही अनुपम आनंद देता है। इस गीत को पहले अनेक बार सुना है। आज यात्रा से लौटते ही यह सुनने को मिला तो लगा सारी थकान उतर गई है।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-40159238216206020582009-08-22T07:23:24.472+05:302009-08-22T07:23:24.472+05:30आह! अफ़लातून जी,....इस गान का अंत नहीं होता. एक आर्...आह! अफ़लातून जी,....इस गान का अंत नहीं होता. एक आर्त टेर सदा गूंजती रह जाती है. आभार...!Uday Prakashhttps://www.blogger.com/profile/07587503029581457151noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-68649085576083777282009-08-21T21:21:50.418+05:302009-08-21T21:21:50.418+05:30वाह वाह .... ...आनंदम आनदं ...
पण्डित भीमसेन जोशी ...वाह वाह .... ...आनंदम आनदं ...<br />पण्डित भीमसेन जोशी जी की दीव्य स्वर लहरी से मन पुलकित है <br />परंतु, <br />जो द्रश्य देखे उससे , अपने स्वयं पर बीते ऐसे ही क्षण याद आ गए ..<br />जो यह दीखाया वह फिल्म है जो हमने भुगता वह यथार्थ था <br />फिर भी, आज सिर्फ गीत को ही याद करेंगें ...और ..<br />ईश्वर को आह्वान देंगें ....<br />आभार आपका ! <br /><br />-- <br />- लावण्यालावण्यम्` ~ अन्तर्मन्`https://www.blogger.com/profile/15843792169513153049noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-75555670569258155972009-08-21T20:01:40.444+05:302009-08-21T20:01:40.444+05:30Bahut-bahut aabhar is sundar prastuti ke liye.Bahut-bahut aabhar is sundar prastuti ke liye.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-78252900930988821792009-08-21T10:43:25.767+05:302009-08-21T10:43:25.767+05:30आज बैठते ही पहला काम ये भजन सुनने का हुआ. भीमसेन ज...आज बैठते ही पहला काम ये भजन सुनने का हुआ. भीमसेन जोशीजी के स्वर की गहराई और विश्वास, ख़ासकर इस भजन के संबंध में, ने मन को कॅप्टिवेट कर दिया. जब आत्मा की बात हो तो सांसारिकता (पात्रों) की बात कौन करे, नामालूम गीतकार का आभार, और साथ में आपका भी.Nanakhttps://www.blogger.com/profile/01044321703936088686noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-9760288668415819082009-08-20T19:25:11.679+05:302009-08-20T19:25:11.679+05:30अफलातून जी इस रचना के रचनाकार का नाम नहीं मिला । व...अफलातून जी इस रचना के रचनाकार का नाम नहीं मिला । वैसे इस फिल्म में कबीर, सूर वगैरह की रचनाएं ली गयी हैं । एक गीत बालकवि बैरागी का भी है ।Yunus Khanhttps://www.blogger.com/profile/12193351231431541587noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-77051009277078695212009-08-20T18:58:39.733+05:302009-08-20T18:58:39.733+05:30बहुत उम्दा गीत......घडी की टिक-टिक के साथ अद्भुत श...बहुत उम्दा गीत......घडी की टिक-टिक के साथ अद्भुत शान्ति......Archana Chaojihttps://www.blogger.com/profile/16725177194204665316noreply@blogger.com