tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post1767780220981636891..comments2022-11-22T16:09:54.827+05:30Comments on आगाज़: दो प्रेम गीत : प्रेम परबत ,हमराही सेअफ़लातूनhttp://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-28782211523099988442008-04-13T20:54:00.000+05:302008-04-13T20:54:00.000+05:30जां निसार अख्तर का लिखा हुआ "ये दिल और उनकी निगाहो...जां निसार अख्तर का लिखा हुआ "ये दिल और उनकी निगाहों के साये" मेरा भी बेहद पसंददीदा गीत है.<BR/>जुड़ाव का एक कारण और कि जब ये गीत आया तब मैं गिटार बजाना सीख रहा था और उस समय माधुरी में इसकी स्वर लिपि छपी थी जिसकी सहायता से मैं इसे बजाने में सक्षम हुआ था.<BR/>आज इसे फिर सुनकर बहुत अच्छा लगामैथिली गुप्तhttps://www.blogger.com/profile/09288072559377217280noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-57083063849104900032008-04-13T19:38:00.000+05:302008-04-13T19:38:00.000+05:30धन्यवाद मनीष । जोड़ लिया।धन्यवाद मनीष । जोड़ लिया।अफ़लातूनhttps://www.blogger.com/profile/08027328950261133052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5996539712681912556.post-79667061713167560902008-04-13T18:25:00.000+05:302008-04-13T18:25:00.000+05:30आपने गीत ये दिल और उनकी निगाहों के साये लगाया जो म...आपने गीत <B>ये दिल और उनकी निगाहों के साये</B> लगाया जो मुझे बेहद पसंद पर है पर उसका पोस्ट पर जिक्र नहीं किया ?Manish Kumarhttps://www.blogger.com/profile/10739848141759842115noreply@blogger.com